Haryana: कौन हैं हरियाणा के नए सीएम नायब सैनि ?एक निर्दलीय विधायक समेत पांच बनें मंत्री, जानें इनके बारे में

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देश के नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं। साल 1996 में सैनी को राज्य में भाजपा संगठन की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके बाद 2002 में उन्हें भाजयुमो का जिला महामंत्री बनाया गया।

 

विस्तार

हरियाणा की सिसायत में मंगलवार को बड़ा बदलाव देखने को मिला। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के इस्तीफे के बाद नायब सिंह सैनी के रूप में हरियाणा को अपना नया मुख्यमंत्री मिल गया है। मंगलवार शाम को हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस दौरान हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल भी मौजूद रहे। उन्होंने पीठ थपथपा कर सैनी को आशीर्वाद दिया। इसके साथ ही पांच विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। आइए जानते हैं इनके बारे में।प

हरियाणा के नए सीएम का सियासी सफर 

नायब सिंह सैनी को राज्य के पूर्व सीएम मनोहर लाल का करीबी माना जाता है। साल 2019 में भाजपा ने उन्हें कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा और वह संसद पहुंचे। भाजपा ने सैनी को 2023 में प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी थी। ज्यादातर कार्यक्रमों में मनोहर लाल के साथ देखे जाते हैं। सैनी ओबीसी समुदाय से आने वाले भाजपा के प्रमुख नेता हैं। सैनी संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं। साल 1996 में सैनी को राज्य में भाजपा संगठन की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके बाद 2002 में उन्हें भाजयुमो का जिला महामंत्री बनाया गया। 2012 में सैनी को अंबाला भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद सैनी का प्रमोशन होता गया। वह 2014 में नारायणगढ़ से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। साल 2016 में सैनी को खट्टर सरकार में राज्य मंत्री भी बनाया गया था।

Haryana: कौन हैं हरियाणा के नए सीएम नायब सैनि ?एक निर्दलीय विधायक समेत पांच बनें मंत्री, जानें इनके बारे में
Haryana: कौन हैं हरियाणा के नए सीएम नायब सैनि ?एक निर्दलीय विधायक समेत पांच बनें मंत्री, जानें इनके बारे में

जानें कौन हैं कंवर पाल गुर्जर

1990 में कंवरपाल भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। वह दो बार भारतीय जनता पार्टी के जिला महासचिव बने। तीन बार भारतीय जनता पार्टी के राज्य महासचिव बने। 1991 में छछरौली से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा। 3 नवंबर 2014 को हरियाणा की 13वीं विधानसभा के अध्यक्ष बने। साल 2000 और 2014, 2019 में विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। मौजूदा समय में वह जगाधरी सीट से विधायक हैं। कंवरपाल गुर्जर मंत्रिमंडल में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे। वह मनोहर लाल सरकार में भी शिक्षा मंत्री थे। मंगलवार को उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली।

परिवहन मंत्री रहे मूलचंद शर्मा ने फिर से ली मंत्री पद की शपथ

मूलचंद शर्मा 2019 में भाजपा के टिकट पर दूसरी बार चुनाव जीते हैं। पहली बार इन्होंने कांग्रेस के लखन सिंगला को हराया था और इस बार आनंद कौशिक को मात देने में कामयाब रहे। बल्लभगढ़ से विधायक मूलचंद शर्मा पिछली सरकार में शिक्षा मंत्री रहे राम विलास शर्मा के समधी हैं। मनोहर सरकार में परिवहन मंत्री रह हैं। नई सरकार में भी मंत्री बनाया गया है।

रणजीत सिंह चौटाला कैबिनेट में शामिल होने वाले इकलौते निर्दलीय विधायक

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Haryana: कौन हैं हरियाणा के नए सीएम नायब सैनि ?एक निर्दलीय विधायक समेत पांच बनें मंत्री, जानें इनके बारे में

हरियाणा की नई कैबिनेट में रणजीत सिंह चौटाला को भी जगह मिली है। मनोहर लाल कैबिनेट के बाद अब नायब सिंह सैनी कैबिनेट में शामिल होने वाले वह इकलौते निर्दलीय विधायक हैं। रणजीत सिंह पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के पुत्र और इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के भाई हैं। रणजीत सिंह हरियाणा की रानियां विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं। चौटाला परिवार से ताल्लुक रखने वाले रणजीत की रानियां में खासी पहचान है। कांग्रेस से टिकट कटने पर वे निर्दलीय मैदान में उतरे थे और हरियाणा लोकहित पार्टी के गोविंद कांडा को 19431 वोट से हराया था।

जेपी दलाल ने नौकरी छोड़ राजनीित में कदम रखा

जेपी दलाल ने जेई की नौकरी छोड़ राजनीति में कदम रखा था। राजनीतिक करियर की शुरुआत 2009 से की थी। भिवानी की लोहारू सीट से जेपी दलाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। मगर हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थामा और 2014 का चुनाव भाजपा उम्मीदवार के रूप में लड़ा। यहां भी किस्मत ने साथ नहीं दिया और मामूली अंतर से हार हुई। 2019 में भाजपा की टिकट पर 18 हजार मतों से जीत हासिल की। इसके बाद मनोहर लाल के दूसरे कार्यकाल में उन्हें कृषि मंत्री की जिम्मेदारी दी गई। अब नायब सिंह सैनी कैबिनेट का भी जेपी दलाल हिस्सा होंगे।

अपने सरल स्वभाव के लिए जानें जाते हैं डॉ. बनवारी लाल

हरियाणा की बावल सीट से कैबिनेट मंत्री और भाजपा विधायक डॉ. बनवारी लाल ने 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व मंत्री डॉ. एमएल रंगा को हराकर दूसरी बार जीत हासिल की थी। भाजपा ने इसी सीट से दोबारा उन्हें टिकट दिया था। दूसरी बार टिकट दिए जाने का कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था। यहां तक कि कुछ कार्यकर्ताओं ने तो कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. एमएल रंगा को समर्थन देने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद भी अपने सरल स्वाभाव की वजह से डॉ. बनवारी लाल को दोबारा मतदाताओं ने चुना था और वह बड़ी जीत दर्ज करने में कामयाब रहे थे। डॉ. बनवारी लाल को नई कैबिनेट में भी जगह मिली है। मनोहर लाल सरकार में भी वे मंत्री थे।

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1990 में कंवरपाल भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। वह दो बार भारतीय जनता पार्टी के जिला महासचिव बने। तीन बार भारतीय जनता पार्टी के राज्य महासचिव बने। 1991 में छछरौली से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा। 3 नवंबर 2014 को हरियाणा की 13वीं विधानसभा के अध्यक्ष बने। साल 2000 और 2014, 2019 में विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। मौजूदा समय में वह जगाधरी सीट से विधायक हैं। कंवरपाल गुर्जर मंत्रिमंडल में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे। वह मनोहर लाल सरकार में भी शिक्षा मंत्री थे। मंगलवार को उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली।

परिवहन मंत्री रहे मूलचंद शर्मा ने फिर से ली मंत्री पद की शपथ

मूलचंद शर्मा 2019 में भाजपा के टिकट पर दूसरी बार चुनाव जीते हैं। पहली बार इन्होंने कांग्रेस के लखन सिंगला को हराया था और इस बार आनंद कौशिक को मात देने में कामयाब रहे। बल्लभगढ़ से विधायक मूलचंद शर्मा पिछली सरकार में शिक्षा मंत्री रहे राम विलास शर्मा के समधी हैं। मनोहर सरकार में परिवहन मंत्री रह हैं। नई सरकार में भी मंत्री बनाया गया है।

रणजीत सिंह चौटाला कैबिनेट में शामिल होने वाले इकलौते निर्दलीय विधायक

हरियाणा की नई कैबिनेट में रणजीत सिंह चौटाला को भी जगह मिली है। मनोहर लाल कैबिनेट के बाद अब नायब सिंह सैनी कैबिनेट में शामिल होने वाले वह इकलौते निर्दलीय विधायक हैं। रणजीत सिंह पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के पुत्र और इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के भाई हैं। रणजीत सिंह हरियाणा की रानियां विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं। चौटाला परिवार से ताल्लुक रखने वाले रणजीत की रानियां में खासी पहचान है। कांग्रेस से टिकट कटने पर वे निर्दलीय मैदान में उतरे थे और हरियाणा लोकहित पार्टी के गोविंद कांडा को 19

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जेपी दलाल ने नौकरी छोड़ राजनीित में कदम रखा

जेपी दलाल ने जेई की नौकरी छोड़ राजनीति में कदम रखा था। राजनीतिक करियर की शुरुआत 2009 से की थी। भिवानी की लोहारू सीट से जेपी दलाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। मगर हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थामा और 2014 का चुनाव भाजपा उम्मीदवार के रूप में लड़ा। यहां भी किस्मत ने साथ नहीं दिया और मामूली अंतर से हार हुई। 2019 में भाजपा की टिकट पर 18 हजार मतों से जीत हासिल की। इसके बाद मनोहर लाल के दूसरे कार्यकाल में उन्हें कृषि मंत्री की जिम्मेदारी दी गई। अब नायब सिंह सैनी कैबिनेट का भी जेपी दलाल हिस्सा होंगे।

अपने सरल स्वभाव के लिए जानें जाते हैं डॉ. बनवारी लाल

हरियाणा की बावल सीट से कैबिनेट मंत्री और भाजपा विधायक डॉ. बनवारी लाल ने 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व मंत्री डॉ. एमएल रंगा को हराकर दूसरी बार जीत हासिल की थी। भाजपा ने इसी सीट से दोबारा उन्हें टिकट दिया था। दूसरी बार टिकट दिए जाने का कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था। यहां तक कि कुछ कार्यकर्ताओं ने तो कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. एमएल रंगा को समर्थन देने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद भी अपने सरल स्वाभाव की वजह से डॉ. बनवारी लाल को दोबारा मतदाताओं ने चुना था और वह बड़ी जीत दर्ज करने में कामयाब रहे थे। डॉ. बनवारी लाल को नई कैबिनेट में भी जगह मिली है। मनोहर लाल सरकार में भी वे मंत्री थे।…………