New Airport In Rajasthan: राजस्थान के इस जिले में बनने जा रहा नया एयरपोर्ट। राजस्थान को जल्द ही नए एयरपोर्ट की सौगात मिलने जा रही है. इसको लेकर राज्य सरकार लगातार केंद्र के संपर्क में है. प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद से यहाँ की जनता को नए एअरपोर्ट की आस जगी है. नया एअरपोर्ट प्रदेश के कोटा जिले में बन सकता है क्योंकि कोटा में पढने के लिए हर साल लाखों की संख्या में छात्र बाहरी राज्यों व शहरों से आते है.
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार और केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के बीच एयरपोर्ट की जमीन को लेकर रार थी, इस कारण निर्माण शुरू नहीं हो पाया. केंद्र सरकार की सिविल एविएशन मिनिस्ट्री इस जमीन को भार मुक्त मांग रही थी, जबकि इसके लिए जमा होने वाली राशि राज्य सरकार जमा नहीं करना चाह रही थी।
New Airport In Rajasthan: राजस्थान के इस जिले में बनने जा रहा नया एयरपोर्ट,
इसको लेकर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय नागरिक एवं उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश के पूर्व यूडीएच मंत्री सहित कई अधिकारियों के बीच कई बार चर्चाएं भी हुईं. मामला इस राशि को लेकर ही अटक जाता था. ऐसे में राजस्थान में सरकार बदल के बाद अब एयरपोर्ट निर्माण भी जल्द शुरू होने के आसार है।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 2019 के चुनाव के दौरान कोटा की जनता से वादा किया था कि वह एयरपोर्ट का निर्माण करवाएंगे और इसी वादे को पूरा करने के लिए भी वो लगातार जुटे हुए हैं. सरकार बदलते ही उन्होंने राजस्थान की मुख्य सचिव उषा शर्मा से बात की और जल्द ही एयरपोर्ट की फाइल को क्लियर करवाने के निर्देश दिए. ऐसे में लोकसभा चुनाव के पहले कोटा एयरपोर्ट का शिलान्यास हो सकता है. इसके लिए शंभूपुरा में करीब 1250 एकड़ से ज्यादा जमीन चिन्हित की गई है, जिसे तत्कालीन राज्य सरकार ने निशुल्क दिया था।
पीएम मोदी ने भी किया था एयरपोर्ट का वादा
बीते विधानसभा चुनाव में कोटा एयरपोर्ट का मुद्दा काफी उठा था. अशोक गहलोत और शांति धारीवाल ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया था, जबकि भाजपा के नेता इसके लिए तत्कालीन कांग्रेस की राज्य सरकार पर आरोप लगा रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोटा में रैली के दौरान कहा था कि भाजपा सरकार कोटा में एयरपोर्ट बनाएंगी।
राज्य सरकार ने 1250 एकड़ जमीन को टायर कोर्ट के लिए निशुल्क आवंटित किया, लेकिन इस जमीन के बीच फॉरेस्ट लैंड भी था. इसके अलावा पावर ग्रिड की लाइन भी यहां से गुजर रही थी, जिनकी शिफ्टिंग भी होनी थी. इसको लेकर की पेच फंसा हुआ था. राज्य सरकार यह पैसा जमा नहीं करवाना चाह रही थी, जबकि केंद्र सरकार इस जमीन को फ्री ( बिना किसी लायबिलिटी के) मांग रही थी।
106 करोड़ जमा करने के दिए निर्देश
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने चीफ सेक्रेटरी उषा शर्मा से इस संबंध में बात की. इसके लिए नगर विकास न्यास के जरिए लैंड एक्सचेंज करने और अन्य कार्यों की 127 करोड़ रुपए की राशि जमा करवाने हैं, जिसमें पावर ग्रिड की लाइनों का भी शिफ्ट करना है.
हालांकि यूआईटी ने महज वन भूमि के रूपांतरण के लिए 21 करोड़ रुपए जमा करवाए थे, शेष 106 करोड़ रुपए बकाया है. स्पीकर बिरला ने यह 106 करोड़ रुपए जमा करवाने के निर्देश दिए हैं. बिरला से बातचीत के बाद सेक्रेटरी उषा शर्मा ने भी कोटा जिला कलेक्टर एमपी मीणा से बात की और यूआईटी के जरिए जल्द ही राशि जमा करवाने के लिए कहा है।
कई सालों से है कोटा एयरपोर्ट की मांग
कोटा देश का एक जाना माना इंजीनियरिंग और मेडिकल कोचिंग हब है. यहां लाखों बच्चे हर साल पढ़ने आते हैं और कोटा को कोचिंग इंडस्ट्री के नाम से विश्व में भी पहचान मिली हुई है, लेकिन एयरपोर्ट यहां पर नहीं है. बीते 10 सालों से यहां के स्थानीय लोग एयरपोर्ट के लिए मांग कर रहे थे. वहीं, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने के दौरान भी एयरपोर्ट का वादा किया था, लेकिन तत्कालीन भाजपा सरकार में यह पूरा नहीं हो पाया था.
उन्होंने 2019 में यह वादा दोबारा दोहराया और साथ ही कहा था कि इस बार कोटा का एयरपोर्ट बनकर ही रहेगा, नहीं तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे. इसके लिए वह पूरे 5 साल जुटे रहे, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और दोनों सरकारों के बीच उलझन के चलते ही यह राशि जमा नहीं हो पाई।…….